रक्षाबंधन क्यों मनाई जाती है? | Why is Rakshabandhan celebrated

रक्षाबंधन पर्व भाई बहन के रिश्ते में मधुरता लाने के लिए बनाया जाता है लेकिन इस पर्व को वास्तव में क्यों मनाया जाता है क्या है इसके पीछे कारण रक्षाबंधन पर्व को सर्वप्रथम किसके द्वारा बनाया गया था और इसके पीछे क्या कारण रहा था हमने आज अपनी इस पोस्ट में इन सभी विषय पर विस्तार पूर्वक बताया है जिसे आप नीचे पूरी पोस्ट को पढ़कर पता लगा सकते हैं कि वास्तव में रक्षाबंधन पर्व क्यों मनाया जाता है आखिर क्या खास बात है इस पर्व में और क्या-क्या कारण रहे तो चलिए शुरू करते हैं विस्तार पूर्वक जानकारी




रक्षाबंधन का पर्व क्यों मनाया जाता है? – Why is Rakshabandhan celebrated

रक्षाबंधन का पर्व भाई बहन के रिश्ते में मधुरता लाने के लिए मनाया जाता है इसमें बहन अपने भाई की कलाई पर एक डोर बनती है और अपने भाई से उसकी रक्षा करने का संकल्प लेती है जो एक भाई का अपनी बहन के प्रति क्या कर्तव्य हैं इसको जताता है बल्कि इसे केवल एक धर्म या सगे भाई बहन ही नहीं कोई भी बहन जिस भी व्यक्ति को अपना भाई मान ले या कोई भी भाई किसी भी लड़की को अपनी बहन मान ले इसे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह उसकी सगी बहन है या कोई और यह एक मर्यादा को दर्शाता है और एक ऐसा पवित्र रिश्ता बनाता है जो दुनिया में कोई और दूसरा नहीं हो सकता रक्षाबंधन त्योहार केवल भारत में ही नहीं अन्य कई देशों में भी मनाया जाता है और इस त्योहार के द्वारा भाई-बहन के खट्टे मीठे और सौहार्दपूर्ण रिश्ते को जताता है और उसकी यादें दिलाता है

रक्षाबंधन की शुरुआत कैसे हुई?-Rakshabandhan celebrated

यदि पुरानी कथाओं की बात करें तो इस विषय में सभी कामत अलग-अलग है कोई व्यक्ति कहता है जब भगवान श्री कृष्ण द्वारा युधिस्टर को आदेश दिया गया कि वह अपने सभी सैनिकों के एक रक्षा सूत्र बांधे और पूरी सेना में युधिष्ठिर द्वारा सभी को रक्षा सूत्र बांधे गए जब युधिष्ठिर युद्ध में विजय हुए तभी से रक्षाबंधन पर्व मनाया जाने लगा लेकिन कुछ व्यक्तियों का मानना कुछ अलग है

हिंदू पुराण दोबारा भविष्य पुराण में एक कथा के द्वारा देवराज इंद्र की रक्षा वृत्रासुर से करने के लिए उनकी पत्नी ने एक तब करके एक रक्षासूत्र तैयार किया जो उनके द्वारा देवराज की कलाई पर बांधा गया और वह युद्ध में विजय हुए तभी से रक्षाबंधन पर्व मनाया जाने लगा




कुछ पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान विष्णु ने राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी थी और वह इस वचन को पूरा न कर पाए तब राजा बलि ने अपना शीश भगवान विष्णु के आगे कर दिया था तब भगवान विष्णु ने राजा बलि को वर देने के लिए कहा और उसी समय माता लक्ष्मी ने राजा बलि के एक रक्षासूत्र बांधा था और तभी से रक्षाबंधन की शुरुआत हुई यदि इन पौराणिक कथाओं की बात करें तो यह कहा जाता है कि सर्वप्रथम माता लक्ष्मी ने ही राजा बलि के राखी बांधी थी



भारतीय इतिहास के अनुसार रक्षाबंधन का महत्व

यदि भारतीय इतिहास की बात करें तो राजस्थान के राजपूत जब युद्ध के लिए जाते थे तब उनके माथे पर तिलक और हाथ में एक रेशम की डोरी बांधी जाती थी यह डोरी इस विश्वास के साथ बांधी जाती थी कि वह इन्हें युद्ध में विजय दिलाई की और वे युद्ध में विजय प्राप्त कर कर सही सलामत वापस लौट आते थे इसी के अनुसार जब मेवाड़ के सुल्तान बहादुर शाह ने चित्तौड़ पर आक्रमण करने की तैयारी की तब चित्तौड़ की महारानी ने उस समय दिल्ली के राजा हुमायूं को राखी भेजी थी और हुमायूं ने उस राखी की लाज रख तुरंत ने अपनी सेना को मेवाड़ की तरफ कुछ करने का आदेश दे दिया और तभी से इस पर्व को रक्षाबंधन के रूप में मनाया जाने लगा

दाहिने हाथ में ही राखी क्यों बांधी जाती है

हिंदू परंपरा के अनुसार दाहिने हाथ को कर्मों का हाथ भी माना जाता है जिससे सभी धार्मिक कार्य किए जाते हैं जिनमें दान धर्म और भगवान भी दाहिने हाथ से ही इन सभी को स्वीकार करते हैं इसलिए रक्षाबंधन पर्व में भी राखी को दाहिने हाथ की कलाई पर बांधने की परंपरा है




राखी का मूल्य किसने पहचाना और कैसे?

चित्तौड़ की महारानी के द्वारा दिल्ली के शासक हुमायूं को राखी भेजे जाने का महत्व हुमायूं द्वारा बताया गया है कि बहन का रिश्ता दुनिया में सभी वस्तुओं और सभी अभिलाषा उसे बढ़कर है

रानी कर्णावती हुमायूं को राखी क्यों भेजी?

जब मेवाड़ के सुल्तान बहादुर शाह ने चित्तौड़ पर आक्रमण करने की तैयारी कर दी और मेवाड़ को चारों ओर से घेर लिया मेवाड़ की सेना इस युद्ध के लिए पर्याप्त ना होने के कारण चित्तौड़ की महारानी कर्णावती ने दिल्ली के राजा हुमायूं को राखी भेजी और हुमायूं ने उस राखी की लाज रखते हुए तत्कालीन ही अपनी सेना को चित्तौड़ की ओर कुछ करने को कहा

15 अगस्त क्यों मनाई जाती है 2022 मैं क्यों है स्पेशल | 15 august 2022 Independence day

Leave a Comment

Index